दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके अपने खो गए हैं. इतनी बड़ी दुनिया में किसी खोए हुए इंसान को खोजना आसान नहीं है. समय बीतने के बाद तो खोए हुओं के मिलने की उम्मीद भी खत्म हो जाती, हां अगर खोए हुए लोगों की किस्मत अमेरिका के इस मां-बेटे जैसी हो तो सालों बाद भी मिलना संभव हो सकता है.
20 साल बाद मिले मां बेटा
इस मां बेटे की कहानी अब तेजी से वायरल हो रही है. दरअसल, यहां की एक मां ने अपने बेटे को 20 साल बाद सोशल मीडिया की मदद से खोज निकाला है. अब बेटे ने अपनी और अपनी मां की इमोशनल स्टोरी को अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है. अमेरिका के यूटाह राज्य के रहने वाले बेंजामिन हुलेबर्ग ने फ़ेसबुक पोस्ट में बताया है कि, ‘वह एक फेसबुक मैसेज के द्वारा 20 साल बाद अपनी असली मां से मिल पाया है. हैरान करने वाली बात ये है कि असलियत सामने आने के बाद दोनों को ये पता चला कि साल्ट लेक सिटी में एचसीए हेल्थकेयर के सेंट मार्क अस्पताल में उन्होंने दो साल तक साथ काम किया है.
2001 में हुए थे अलग
मां ने हर जगह की तलाश
शियर्र ने अपने बच्चे बेंजामिन को किसी और के हाथों में तो सौंप दिया था लेकिन वह इससे खुश नहीं थीं. उन्हें हमेशा इस बात का मलाल रहा और वह अपने बच्चे को वापस पाना चाहती थीं. यही वजह थी कि उन्होंने इन 20 सालों में एडॉप्शन एजेंसी के माध्यम से बार बार अपने बेटे को खोजने की कोशिश की. दुर्भाग्य से साल 2014 में वो एजेंसी बंद हो गई जिसने उनके बेटे एडोप्शन करवाया था.
शियर्स ने तब भी हार नहीं मानी और अपने बेटे को ऑनलाइन खोजना शुरू किया. वो कहती हैं कि, 'बेंजामिन हमेशा उनके दिमाग में था. छुट्टियों और उसके जन्मदिन के दिन उनके मन में भावनाओं का रोलर कोस्टर चलता था. वह हर समय उसके बारे में सोचा करती थीं. फिर एक चमत्कार हुआ और एक दिन शियर्स को बेंजामिन का सोशल मीडिया हैंडल मिल गया. उस समय वह 18 साल का था और शियर्स उससे बात करने में बहुत झिझक रही थीं. वह उसके अच्छे भले जीवन में दखल नहीं देना चाहती थीं इसलिए उसे बस दूर से देख रही थीं.'
आखिरकार दोनों मिल गए
बेचैनी सिर्फ मां को ही नहीं थी, दूसरी तरफ बेंजामिन भी अपनी असली मां को तलाश रहा था. उसने कई बार अपने माता-पिता से भी इस बारे में बात की थी. यहां तक कि अपनी मां को ढूंढने के लिए उसने DNA टेस्ट भी कराया. आखिरकार बेंजामिन को 2021 के नवंबर में फेसबुक पर एक मैसेज आया और इसने दोनों की बेचैनी को दूर कर दिया.
बेंजामिन कहते हैं कि, 'जब उन्हें मैसेज आया तो वह काम पर थे. उन्हें वो पल अच्छे से याद है. उस वक्त वह एक मशीन ऑपरेटर थे और मशीन नंबर 15 पर काम कर रहे थे. तभी उन्होंने अपनी मां का मैसेज देखा और उसका जवाब दिया. उस एक मैसेज ने उनके अंदर की सारी भावनाओं को बाहर निकाल दिया और वह फूट-फूटकर रोने लगे.'